कविता है कोई कहानी नहींं कोई भी समझदार समझ सकता किस प्रावधान की बात कही गई है। कविता के भाव को समझना पड़ता है। कहानी या लेख की तरह सब बात स्पष्ट नहीं किया जा सकता।
कविता है कोई कहानी नहींं
कोई भी समझदार समझ सकता किस प्रावधान की बात कही गई है।
कविता के भाव को समझना पड़ता है।
कहानी या लेख की तरह सब बात स्पष्ट नहीं किया जा सकता।