Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2021 11:57 AM

मुंशी प्रेमचंद का पुनर्जन्म! सुंदर!
निर्बल को न सताइये,……

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

?हार्दिक आभार, प्रो0 अनिल। सटीक टिप्पणी करना आपकी विशेषता है, वैसे मुँशी प्रेमचंद की तो हम चरण-रज भी नहीं, यद्यपि आप बिलकुल सही हैं कि कहानी लिखने की शैली अवश्य उनसे मेल खाती है।??

Loading...