ओनिका सेतिया 'अनु '
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11 Jul 2021 06:09 AM
धन्यवाद जी
सादर प्रणाम।हम पशु ही सही,मगर इंसानों से अच्छे हैं।
हम बेजुबान है मगर ,
दिल की जुबान समझते है। सत्यवचन ।