विवेक जोशी ”जोश”
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4 Jul 2021 10:09 PM
नमस्कार राजेश जी, विचारों और लेखनी को पिरोने का प्रयास कर रहा हूं। ये अनवरत चलने वाली साधना है। मां सरस्वती की कृपा सभी साधकों पर बनी रहे और हम सभी को अच्छा साहित्य पढ़ने को मिले। ?
कुछ तो ऐसा कीजिए ।
अपना भी योगदान,
जमाने को दीजिए।
संकल्प हो सफल,
परिश्रम अवश्य कीजिए।।
प्रणाम??