pravin sharma
Author
16 Jun 2021 07:54 AM
??आभार
नही रही वो जिंदगी तभी तो उसे शब्दो मे पिरोना पड़ा
सादर नमस्कार।
अब चाहता हूँ ताउम्र उसी में गुजरती तो अच्छा होता। मिल जाए तो मुझे भी लेना साथ ।