Ajit Kumar "Karn"
Author
15 Jun 2021 09:04 PM
अच्छा, अगली कड़ी में… धन्यवाद !
प्यार nature and scope बहुत बड़ा है,
ये कविता सिर्फ यारी पे खड़ा है।
मां , बाप , बच्चे, से प्यार, प्रकृति से प्यार, देश से प्यार, यहां तक कि पशु से भी प्यार निः स्वार्थ ही होता प्रायः।
वैसे कोशिश अच्छी है।???