तूफान तो करोना लेकर आया था ,कितने घर बरबाद कर गया और कितनों के सिंदूर पोंछ गया ,।यह कविता उन दुखी और संतप्त विधुर / विधवाओं के लिए है ।जिनके जीवन साथी इस करोना ने छीन लिए ।
तूफान तो करोना लेकर आया था ,कितने घर बरबाद कर गया और कितनों के सिंदूर पोंछ गया ,।यह कविता उन दुखी और संतप्त विधुर / विधवाओं के लिए है ।जिनके जीवन साथी इस करोना ने छीन लिए ।