ओनिका सेतिया 'अनु '
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26 May 2021 01:32 PM
धन्यवाद जी
धरती की पुकार है।
गिर जाए जो फुहार है।
समझो,
बहार ही बहार है।।
सुंदर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद