KAJAL CHOUDHARY
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3 Jun 2021 07:39 AM
बहुत खूब कहा आपने
जब कोई सुनने वाला नहीं होता तब सच्ची साथी सिर्फ लेखनी ही होती जिसके जरिए हम अपनी भावनाओं को रूप देते है