ओनिका सेतिया 'अनु '
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16 May 2021 10:07 PM
धन्यवाद जी
समय चक्र ने सब कुछ बदल कर रख दिया है,ना वैसी वर्षा होती है ना वह उमंग शेष बची है, अब तो जैसे रश्म अदायगी भर है! पर फिर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराती जरुर है! सादर नमस्कार।