ईश्वर की सत्ता को नकारते हुए, वक्त के अनुसार प्रेम, करुणा, और सहृदयता पर विशेष बल है, जो किसी हद तक ठीक है!! फिर भी हम एक ऐसी शक्ति के अधीन हैं जो सभी को संचालित करती है,गुण दोष दोनों ही रुप में! सादर अभिवादन प्रशांत जी!
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ईश्वर की सत्ता को नकारते हुए, वक्त के अनुसार प्रेम, करुणा, और सहृदयता पर विशेष बल है, जो किसी हद तक ठीक है!! फिर भी हम एक ऐसी शक्ति के अधीन हैं जो सभी को संचालित करती है,गुण दोष दोनों ही रुप में! सादर अभिवादन प्रशांत जी!