Rajesh vyas
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11 May 2021 11:02 AM
आदरणीय प्रणाम, इस संक्रमणीय पीड़ा से एक नहीं अनेक घरों में रुदन मचाए इसके लिए भी हम सभी को एक सांत्वना समूह बनाकर उन्हें संबल, आवश्यकता हो तो आर्थिक सहयोग देने का काम करना चाहिए .
धन्यवाद जय मानव
रचनात्मक विचार है,प्रयास किया जा सकता है, लेकिन जो इस संक्रमणीय पीडा से पीड़ित हुए हैं उनके दिलों को मरहम लगाने के लिए भी कुछ सकारात्मक हो पाए! तभी सार्थकता है। सादर अभिवादन व्यासजी।