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4 May 2021 03:32 PM

आज देश की जो हालत है, सोचकर ही दुःख होता है मेरा सभी रचनाधर्मी विद्वानों से, दूरदर्शी दार्शनिकों से, नीति निर्धारकों से, कलाकारों से, समताप्रेमी साहित्यकारों से, परउपकारी सत्यनिष्ठ जननायकों एवं देशप्रेमी जनता से करवद्ध आग्रह है कि देश की गरिमा को बनाये रखने के लिए देश के हितार्थ जो भी योगदान दे सकते हैं दें, चाहे वह किसी भी रूप में हो । सबका मंगल हो ?

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