मै हर मानव से प्यार करूं, विनती ईश्वर से करूं, बहाते रहना प्रेम की गंगा हृदय में, इसकी गहराइयों में और उतरू।। आभार आदरणीय प्रणाम।।
मै हर मानव से प्यार करूं,
विनती ईश्वर से करूं,
बहाते रहना प्रेम की गंगा हृदय में,
इसकी गहराइयों में और उतरू।।
आभार आदरणीय प्रणाम।।