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सबके जिम्मेदार हम खुद है, हमको ही चाहिए सूट-बूट ,गाड़ी और हवेलिया और अंग्रेजी मिजाज । जब कुछ आता है तो कुछ जाता है।
धन और भौतिकता के बदले हमने अपनापन और सकून का सौदा किया है ।

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