ए हुस्ऩ बे परवाह तुझे शोला कहूं , शबनम़ कहूं , फूलों में भी शोख़ी तो है , तुझको मगर किस सा कहूं , चंदा की तू है चांदनी , लहरों की तू है रागनी , जाने तम़न्ना मैं तुझे क्या क्या कहूं क्या ना कहूं , श़ुक्रिया !
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ए हुस्ऩ बे परवाह तुझे शोला कहूं , शबनम़ कहूं ,
फूलों में भी शोख़ी तो है , तुझको मगर किस सा कहूं ,
चंदा की तू है चांदनी , लहरों की तू है रागनी ,
जाने तम़न्ना मैं तुझे क्या क्या कहूं क्या ना कहूं ,
श़ुक्रिया !