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11 Apr 2021 02:02 PM

प्रकृति के चमत्कार! राजेश जी यह प्रकृति का चमत्कार नहीं हो सकता, यह तो प्रकृति की चित्कार है जो चिल्ला चिल्ला कर कह रही है,अब तो चेतो, किन्तु यह मूढ़ प्रवृत्ति का इंसान सुनने को तैयार नहीं है!! आपकी चिंता जायज है और यह जारी रखें यह चिंतन शील स्वभाव के लोग ही कर सकते हैं!

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11 Apr 2021 02:21 PM

जय कृष्ण जी उनियाल को राजेश व्यास का प्रणाम! आदरणीय बहुत दिनों बाद आपकी प्रतिक्रिया देखने को मिली आपके सुझाव सिर आंखों पर चिंतन है चलता रहेगा, हृदय का तार-तार मानवता के लिए बहेगा।।
एक बार पुनः प्रणाम करता हूं।

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