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In reply to Phoolchandra Rajak
14 Mar 2021 06:51 PM

वर्तमान का युवा नकारात्मकता के वातावरण में सकारात्मक सोच को कोरी राजनैतिकता युक्त भाषणबाजी समझता है। जो उसकी व्यक्तिगत सोच ना होकर समूह की मनोवृत्ति का परिचायक है। हमारे सोशल मीडिया फेसबुक ,ट्विटर , व्हाट्सएप यूट्यूब इत्यादि में जोर जोरों से समूह सोच को बढ़ावा दिया जाता है। जिसके कारण आजकल युवाओं में व्यक्तिगत सोच का अभाव हो गया है। किसी भी सही सोच को गलत एवं गलत सोच को सही सिद्ध किया जाता है। इसी प्रकार की भावना का प्रसार एवं प्रचार किया जाता है।

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