राजनीतिज्ञों द्वारा “मुख्यधारा” शब्द के उपयोग में उनका मंतव्य भ्रम पैदा करना हो सकता है । परंतु मेरा तात्पर्य समाज द्वारा उपेक्षित गरीब वर्ग के प्रति संवेदना उत्पन्न कर उनके कल्याण हेतु भावना को जागृत करना है ।
किसी शब्द में निहित भावना का दुरुपयोग उस शब्द का भावार्थ नहीं बदल देता है । यह उस शब्द का उपयोग करने वाले एवं उसका अर्थ निकालने वाले की सोच पर निर्भर करता है।
राजनीतिज्ञों द्वारा “मुख्यधारा” शब्द के उपयोग में उनका मंतव्य भ्रम पैदा करना हो सकता है । परंतु मेरा तात्पर्य समाज द्वारा उपेक्षित गरीब वर्ग के प्रति संवेदना उत्पन्न कर उनके कल्याण हेतु भावना को जागृत करना है ।
किसी शब्द में निहित भावना का दुरुपयोग उस शब्द का भावार्थ नहीं बदल देता है । यह उस शब्द का उपयोग करने वाले एवं उसका अर्थ निकालने वाले की सोच पर निर्भर करता है।