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जिंदगी है खेल कभी पास कभी फेल , खिलाड़ी है कोई तो अनाड़ी है कोई , यहां कोई जीतता है तो कोई हार कर भी जीत जाता है , कभी किस्म़त के , तो कभी क़ुदरत के , तो कभी फ़ितरत के ,ये खेल है , जिसे अब तक कोई जान ना सका , ना पहचान सका , अजीब कश़मकश़ और उलझन की रेलम पेल है , श़ुक्रिया !

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10 Mar 2021 07:39 AM

बहुत सुंदर पँक्तियाँ

धन्यवाद !

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