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जीवन सारा बीत गया पर लगता हाथ न कुछ आया ।
न समझ सके तुम मुझे प्रिये न मैं ही तुम्हें समझ पाया ।
सुनील जी जीवन ऐसा ही है । सुन्दर भावपूर्ण सृजन हेतु बधाई ।

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24 Feb 2021 06:27 PM

सर प्रणाम ।आपके स्नेहपूर्ण comments के लिए धन्यवाद। ?

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