यही सब तो समझ मे नही आ रहा….ऊपर से वोटों की गुमराही..ऐसे ही अपने हिसाब से करना है तो खुद ही अपने 4 बन्दे चुनकर नाम दे दे बाकी का समय क्यो जाया करते हैं..
सुषमा जी, कृपया गलत जानकारी का प्रचार कर लोगों को गुमराह ना करें। इस प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार वोटों के आधार पर शीर्ष की 25 रचनाओं में से गुणवत्ता के आधार पर विजेताओं का चुनाव हुआ है। यानी वोटों एवं गुणवत्ता दोनों के आधार पर विजेता चुने गए हैं।
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपने नियम बिना पढ़े प्रतियोगिता में भाग लिया और यह सोच लिया कि विजेताओं का चुनाव सिर्फ वोटों के आधार पर होगा। इसमें साहित्यपीडिया का दोष नहीं है। आपको नियम पहले सही से पढ़ने चाहिए थे और फिर प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए था।
अगर आप इसके बाद भी इस पटल पर गलत जानकारी का प्रचार करती हैं, तो हमें मजबूरीवश आपको ब्लॉक करना पड़ेगा और आप आगे से साहित्यपीडिया के किसी भी आयोजन का हिस्सा नहीं बन पाएंगी।
धन्यवाद।
कृष्णा कुमार मिश्रा जी, काव्य लेखन में काव्य की गुणवत्ता सिर्फ तुकांत होने से नहीं होती है, बहुत सारे अन्य मापदंड होते हैं। इस प्रतियोगिता के विजेताओं का चुनाव बेहद अनुभवी जजेस पैनल द्वारा किया गया है और उनका निर्णय सर्वमान्य है।
धन्यवाद।
धन्यवाद आदरणीय..#TeamSahityapedia…
साहित्यपीडिया को ऐसे सुन्दर आयोजन के लिए बहुत- बहुत आभार..धन्यवाद.. लेकिन लेखकों के पक्षपात का आरोप भी जायज है..महोदय..आप बार बार कह रहे हो गुणवत्ता के आधार पर चयन हुआ है..लेकिन जिसको नहीं चुना उन रचनाओं में गुणवत्ता में क्या कमी थी 4-6 points बताने चाहिय.. और 17 no. की रचना को सांत्वना पुरस्कार को किस गुणवत्ता पर दिया गया है.. जबकि कविता में कई जगह तुकांत भी सही नहीं है..जैसे- सजा-गया, लिखा- लिया.. फिर भी औरों से बेहतर कैसे??