बदलती प्रकृति के स्वरूप से सजे सुंदर दोहे। प्रणाम अशोक जी!
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राजेश भाई बहुत आभार ।
बदलती प्रकृति के स्वरूप से सजे सुंदर दोहे।
प्रणाम अशोक जी!