आज के परिवेश में इस यथार्थ को जीने वाले उन योद्धाओं को समर्पित है यह रचना जो विपरीत धारा के विरुद्ध अपने कदम आगे बढ़ा कर चले जा रहे हैं अनेकों दूषवारियों के साथ।
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आज के परिवेश में इस यथार्थ को जीने वाले उन योद्धाओं को समर्पित है यह रचना जो विपरीत धारा के विरुद्ध अपने कदम आगे बढ़ा कर चले जा रहे हैं अनेकों दूषवारियों के साथ।