Shyam Sundar Subramanian
Author
16 Feb 2021 02:55 PM
धन्यवाद !
बहुत सुंदर बहुत खूब रचना श्याम सुंदर जी की यही पहचान है इस झूठे ही लेना झूठ ही देना झूठा ही भोजन झूठ जावे ना इस परइसकी नींव रखी गई है