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वाह वाह ! बहुत सुन्दर, कुमार जी ! आपकी बेहद खूबसूरत रचना के लिए मेरा 33वाँ वोट स्वीकारें और मेरी रचना ‘बिरह का पंछी’ पर दृष्टिपात करें अच्छी लगे तो कृपया अपना मत देकर अनुग्रहीत करें|

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जी मयंक जी

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