Manjesh Patel
Author
10 Feb 2021 05:55 PM
धन्यवाद आपका दिल से
??है गुमान तुझे अपने,
जो खुद की जवानी पर।
कुछ वसूल भी है मेरे,
जो चलता हू निशानी पर ।। बहुत ही सुंदर सृजन किया है आदरणीय ।??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदय । ????????