जगदीश शर्मा सहज
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10 Feb 2021 03:43 PM
दे चुका हूं वोट
धन्यवाद
??उड़ रही है बसंती पवन झूमकर,
प्रीत का था समंदर, जो गहरा गया । अद्भुत सुंदर सृजन किया है आदरणीय । मैं आपकी रचना को वोट दे चुका हूँ महोदय ।??मेरी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें एवं पसंद आये तो अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें । मुझे आपके वोट का इंतजार रहेगा महोदय । ????????