ज़िंदगी के मऱहलों से गुज़रते तुझे याद करते हैं , तेरी संगदिली नहीं , अपनी ब़ावफ़ाईओं को याद करते हैं , श़़ुक्रिया ! आपकी पेश़कश को वोट कर दिया है। मेरी पेश़कश “प्रेम” पर गौर फ़रम़़ा अपने वोट से नवाज़ें !
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श़़ुक्रिया !
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