Bhartendra Sharma
Author
9 Feb 2021 01:06 PM
महर्षि रैदास और महारानी भक्तिमती मीरा से अधिक श्रेष्ठ उदाहरण क्या हो सकता है। ज्ञान , सम्मान, और संस्कार का संबंध किसी जाति विशिष्ट से नहीं है।
जिस दिन ब्राह्मण क्षत्रिय का बच्चा किसी बुजुर्ग चमार के पैर छूने लगेगा तभी जाकर जातिप्रथा का जहर खत्म हो और आरक्षण भी
मेरे ख्याल से बुजुर्ग का पैर छूना और आशीर्वाद लेना अच्छी बात है और धार्मिक भी
धन्यवाद ??