महेश कुमार (हरियाणवी)
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6 Feb 2021 09:22 PM
धन्यवाद
?? स्वयं नाप तोल में जी स्वयं नाप तोल में । बहुत अच्छी रचना है महेश जी । इस नाप तोल में रिश्ते बनने के बजाय बिगड़ जाते हैं । विरह वेदना हो जाती है । धन्यवाद?? हमारी रचना को भी पढ़ें एवं अवलोकन कर वोट देने की कृपा करें ।????????