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5 Feb 2021 04:36 PM

हम मिले न मिले मन मिल जाए।
दिल की बगिया में सुमन खिल जाए।
रिश्ता बना रहे ऐसा, चाहे पास में न हो पैसा।
जख्म एक दूसरे के सिल जाएं।।
*अनुनय*प्रणाम आदरणीय!

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5 Feb 2021 04:54 PM

बहुत बहुत सुंदर। मेरी नकारात्मक रचना में भी अपने सकारात्मक्ता के पंख लगा दिये। आपको भी सादर नमन ।

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