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4 Feb 2021 02:43 PM

ना आरम्भ है
ना अंत है
अंतर्मन का अनंत भाव है प्रेम । बहुत बहुत उम्दा आदरणीया। कृपया मेरी रचना ” अधूरा पर पूर्ण प्यार” का भी अवलिकन करे। आपकी समीक्षा एवं मत अपेक्षित है। मैंने मत दे दिया है।

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