अमरेश मिश्र 'सरल'
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4 Feb 2021 01:33 PM
आभार बड़े भैया
मालूम ना था यूँ छोड़कर जाओगे तुम, दिल की बस्ती को जला जाओगे तुम, दिल की हर आवाज तुम्हें बद्दुआ देगी, फिर भी ये ना कह पाएगी कि मिट जाओगे तुम।
बेहतरीन रचना। साधुवाद