प्रेमपत्र लिखना न आता,प्रियवर समझो भाव। मेरी हृदय की स्वामिनी तुम,नहीं देना तुम घाव।।
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प्रेमपत्र लिखना न आता,प्रियवर समझो भाव।
मेरी हृदय की स्वामिनी तुम,नहीं देना तुम घाव।।