सम्मानित श्याम सुंदर जी सादर, आपने विपक्ष को काफी बंटा हुआ स्वीकार किया है जो कि है भी, और वर्तमान में ऐसा विपक्ष कारगर भी नहीं हो सकता,मेरा मंतब्य यह है कि जब जनता अपने प्रतिनिधि को चुनती है तो एक विजयी घोषित हो जाता है और दूसरा थोडे से अंतराल से पराजित, पराजित प्रत्याशी यदि पार्टी विशेष का है तो वह खाली रह कर नकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ता है जबकि यदि उसको मान्यता प्राप्त विपक्ष का स्तर मिल जाए तो उसकी वैधानिक जिम्मेदारी बढ़ जाएगी और वह विजयी घोषित के हर काम की समी, और इसके लिए विपक्ष से ज्यादा सरकार को असहमति हो सकती है, फिर भी यह मेरी अपनी सोच पर निर्धारित है, जिसे स्वीकारना शायद मुश्किल है लेकिन इससे विपक्ष की खाली जगह को भर कर उसकी पूर्ति की जा सकती है, तथा सरकार या विजयी घोषित को मनमानी करने से रोका जा सकता है। और ऐसा करके सरकार तथा विपक्ष के साथ साथ जनता का ही भला होगा,रही बात अव्यवहारिक होने की तो पहले पहल यह थोड़ा बहुत असहज सा लगे किन्तु इससे कितने ही लोगों को काम करने का अवसर मिलेगा, समाज में बेरोजगारी का आंकड़ा भी कम होगा,क्यों कि जितने लोग जीतेगे उतने हारने के बाद भी जन सरोकारों से जुड़े हुए रहेंगे ््व््वि््व््व््व््वि््व््
सम्मानित श्याम सुंदर जी सादर, आपने विपक्ष को काफी बंटा हुआ स्वीकार किया है जो कि है भी, और वर्तमान में ऐसा विपक्ष कारगर भी नहीं हो सकता,मेरा मंतब्य यह है कि जब जनता अपने प्रतिनिधि को चुनती है तो एक विजयी घोषित हो जाता है और दूसरा थोडे से अंतराल से पराजित, पराजित प्रत्याशी यदि पार्टी विशेष का है तो वह खाली रह कर नकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ता है जबकि यदि उसको मान्यता प्राप्त विपक्ष का स्तर मिल जाए तो उसकी वैधानिक जिम्मेदारी बढ़ जाएगी और वह विजयी घोषित के हर काम की समी, और इसके लिए विपक्ष से ज्यादा सरकार को असहमति हो सकती है, फिर भी यह मेरी अपनी सोच पर निर्धारित है, जिसे स्वीकारना शायद मुश्किल है लेकिन इससे विपक्ष की खाली जगह को भर कर उसकी पूर्ति की जा सकती है, तथा सरकार या विजयी घोषित को मनमानी करने से रोका जा सकता है। और ऐसा करके सरकार तथा विपक्ष के साथ साथ जनता का ही भला होगा,रही बात अव्यवहारिक होने की तो पहले पहल यह थोड़ा बहुत असहज सा लगे किन्तु इससे कितने ही लोगों को काम करने का अवसर मिलेगा, समाज में बेरोजगारी का आंकड़ा भी कम होगा,क्यों कि जितने लोग जीतेगे उतने हारने के बाद भी जन सरोकारों से जुड़े हुए रहेंगे ््व््वि््व््व््व््वि््व््