हां मैंने आपके लेख को पढ़ लिया है! आपसे कुछ बातों से असहमत हूं, एक तो विपक्ष इस लायक नहीं है जो किसान उसे तवज्जो देगा,दूसरा सरकार ने उन्हें जो सब्ज बाग चुनाव से पहले दिखाए थे उनसे पीछे हट गई है,तीसरा सरकार ने जवानों को वन रैंक वन पेंशन योजना देकर इन्हें भी एक सपना पालने के लिए छोड़ दिया था,चौथा, सरकार जो कानून लाई है उससे किसान का नुक़सान और उधोग घरानों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है, पांचवां सरकार ने इनके आंदोलन को भटकाने के लिए चालें चलने का काम करके रहा सहा भरोसा भी खो दिया, तो अब पहले भरोसा कायम करके समाधान निकालने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए! ऐसा मेरा मानना है बाकी भूल चूक के क्षमा चाहूंगा सादर अभिवादन।
हां मैंने आपके लेख को पढ़ लिया है! आपसे कुछ बातों से असहमत हूं, एक तो विपक्ष इस लायक नहीं है जो किसान उसे तवज्जो देगा,दूसरा सरकार ने उन्हें जो सब्ज बाग चुनाव से पहले दिखाए थे उनसे पीछे हट गई है,तीसरा सरकार ने जवानों को वन रैंक वन पेंशन योजना देकर इन्हें भी एक सपना पालने के लिए छोड़ दिया था,चौथा, सरकार जो कानून लाई है उससे किसान का नुक़सान और उधोग घरानों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है, पांचवां सरकार ने इनके आंदोलन को भटकाने के लिए चालें चलने का काम करके रहा सहा भरोसा भी खो दिया, तो अब पहले भरोसा कायम करके समाधान निकालने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए! ऐसा मेरा मानना है बाकी भूल चूक के क्षमा चाहूंगा सादर अभिवादन।