Bhartendra Sharma
Author
23 Jan 2021 02:00 PM
आभार प्रशांत जी। हम तो कान्हा की कर्मस्थली में जन्मे हैं मुहब्बत तो विरासत में है।
Bhartendra Sharma
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23 Jan 2021 02:02 PM
इन बीहड़ों में रहकर अब तो भय से परे हैं।
चंबल के भीहड़ों में भी मोहब्बत की हवा चलने लगी है , सियासत की नफरत सुपारी किसको देगी ..???