जिसके नाम को लेकर मार काट है आपने उसी के माध्यम से सौहार्द स्थापित कर दिया । देखने और सोचने का फर्क यहाँ पर है । बहुत अच्छा लिखा है ।
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जिसके नाम को लेकर मार काट है आपने उसी के माध्यम से सौहार्द स्थापित कर दिया । देखने और सोचने का फर्क यहाँ पर है ।
बहुत अच्छा लिखा है ।