सिक्के का बहुत सही ढंग से चित्रण |
सिक्का कहे नॉट से मै हूँ गोल मटोल , तो तो कगज पर छपा हुआ है खोल छपा हुआ है खोल जल्द गंदा हो जाता मै चल चल कर हमेशा चमकता जाता कह रस्तोगी कविराय,सुनो भई इक्के, खोटे होते हुए भी चलते है सब सिक्के |
You must be logged in to post comments.
सिक्के का बहुत सही ढंग से चित्रण |
सिक्का कहे नॉट से मै हूँ गोल मटोल ,
तो तो कगज पर छपा हुआ है खोल
छपा हुआ है खोल जल्द गंदा हो जाता
मै चल चल कर हमेशा चमकता जाता
कह रस्तोगी कविराय,सुनो भई इक्के,
खोटे होते हुए भी चलते है सब सिक्के |