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15 Jan 2021 02:51 PM

नशा कोशिश करता रहे, कौन क्या कहता है कहता रहे!
मंजिल मिलेगी देर से ही सही!
प्रयास अथक चलता रहे!!
कवि कृष्ण मोहन जी सुंदर रचना पर बहुत-बहुत बधाई आशा करते हैं हमारी रचनाओं का भी अवलोकन करेंगे! धन्यवाद!

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