Shyam Sundar Subramanian
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11 Jan 2021 02:19 PM
आपकी शुभकामनाओं का हार्दिक आभार ! आप लोगों का स्नेह ही मेरी हिंदी साहित्य यात्रा का प्रेरणा स्रोत है !
आदरणीय,श्याम सुंदर जी,सादर अभिवादन, आपके जीवन के एक और पायदान में कदम रखने पर आपको मंगलमयी शुभकामनाएं!आप को मैं एक समालोचक के रूप में ही नहीं अपितु बडा भाई मान रहा था, आज यह तो पता चल गया कि आप मुझसे एक वर्ष बड़े हैं, किन्तु साथ ही यह भी कि आपने अपने जीवन लक्ष्य को परिभाषित भी किया है, एवं यह मैं तब से महसूस कर भी रहा हूं जब से मैंने साहित्य पीडिया में लिखना आरंभ किया है, तो पहली प्रतिक्रिया में आपने बहुत हौसला बढ़ाया था, लगा कि जो अब तक मुझमें कैद था उसे दुनिया जहान में समझा या पढा जाना प्रारंभ हुआ है, धीरे धीरे मैं लिखता रहा और आपकी पारखी नजरों से होकर गुजरता गया, और यह सिर्फ मुझ तक ही सीमित नहीं था,बल्कि नवोदित रचना कारों के साथ भी समान भाव से बना हुआ है, आपने कितने ही नवोदित रचनाकारों को लिखने का संभल प्रदान किया है, ईश्वर आपको शतायु प्रदान करें! और आप लोगों की उम्मीदों की आशा बनकर अपने उद्गार व्यक्त करते रहें!
माननीय श्याम सुंदर जी आज ही के दिन मेरी काब्य संग्रह, भावनाओं के भंवर में मेरे पैंसठ बसंत! छप कर मेरे पास पहुंची है, जिसे मेरे पुत्र ने साहित्य पीडिया से ही प्रकाषित कराया है, मुझे लगातार लिखने की प्रेरणा देने में मेरे मित्रों, संबंधियों, के साथ आपकी भी प्ररेणा प्राप्त हुई है पुनः अभिवादन सहित सादर,!शुभकामनाएं!