पहले तो धन्यवाद आपका प्रतिक्रिया के लिये। ।। दूसरा मैं सरस्वती को वोट की तराजू में नही तौलता।। आपकी रचना यदि वोट के लिये न लिखी गई होती तो उचित प्रतिक्रिया देता.। क्षमा चाहता हुँ। वोट की आकांक्षा में आपने जो ग़ज़ल नही है उसको भी खूबसूरत ग़ज़ल करार दिया।। अपने आप को टटोलिये ,रहा सवाल आपको नाम की चाहत है तो मैं आपको शुभकामनाएं भी देता हूँ। और वोट भी करता हूँ। हाथ जोड़ कर निवेदन है मां शारदा को बाजार से बचाओ।। कोई रचना गुणवत्ता के आधार पर प्रथम चयनित हो तो मजे की बात है। वोट के आधार पर तो .
सॉरी … सोच अपनी अपनी …
मैं आपसे बिल्कुल सहमत हूँ जी, रही बात ग़ज़ल कहने की वह आपकी पोस्ट में लिखा था. मुझे नहीं लगता उत्तम कविता का निर्णय केवल वोट के आधार पर लिया जाएगा.
मेरी दृष्टि से प्रयास करने में कोई बुराई नहीं।
कीर्ति की चाह हर किसी को होती है..अन्यथा आप भी इस पटल पर ना होते।
धन्यवाद ??
धन्यवाद जी , कीर्ति की चाहत भले ही सबको होती होगी मुझे कदापि नहीं ,शौक के लिये कलम घिसाई करता हूँ।लिखता नहीं। लेखक बनने की तमन्ना ईषत मात्र भी नहीं। अपना प्रयास अवश्य करना चाहिये इसमे बुराई नही। मैने बोला न सोच अपनी अपनी …. बधाई एडवांस में आपको।। रहा सवाल मैं यहाँ क्यो हूँ..? तो अवश्य चिंतन करूँगा … सम्भव है अपनी प्रोफाइल रिमूव कर लूं। उचित मार्गदर्शन के लिये धन्यवाद।
मेरा उद्देश्य किसी भी तरह से आपकी भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था, यदि कुछ बुरा लगा हो तो माफ़ कीजियेगा ??
अति सुन्दर ग़ज़ल मधुसूदन जी.. शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता “कोरोना बनाम क्यूँ रोना”का अवलोकन करें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ??