तलवारें दो धारी हैं!यह उक्ति वर्तमान में शासन सत्ता में बैठे लोगों पर सटीक बैठती हैं! अपनी सत्ता और अपने फाइनेंसरों के वजूद को बचाने के लिए किसान की बलि देने में मसगूल प्रतीत हो रहे हैं! सादर नमस्कार।
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धन्यवाद…. Jaikrishan Uniyal ji
तलवारें दो धारी हैं!यह उक्ति वर्तमान में शासन सत्ता में बैठे लोगों पर सटीक बैठती हैं! अपनी सत्ता और अपने फाइनेंसरों के वजूद को बचाने के लिए किसान की बलि देने में मसगूल प्रतीत हो रहे हैं! सादर नमस्कार।