डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
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9 Jan 2021 12:33 PM
आपके गम्भीर मीमांसा को साधुवाद । आभार ???
विश्व विजयी होने के लिए सिकंदर भी निकला था मगर उसकी हसरत भी पूरी नही हो सकी।भारत मे तो बड़े दिग्गज नतमस्तक हो जाते है।जैसे शक, सीथियन ,कुषाण यही होकर हमारी संस्कृति में घुल मिल गए उसी प्रकार कॅरोना का भी अपना अस्तित्व खत्म हो जाएगा ।कॅरोना ने भारत आकर भूल कर दी।अब उसको समझ मे आ चुका है।अल विदा कॅरोना।