सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
6 Jan 2021 09:42 AM
बहुत सुंदर कविता, आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
अतिसुंदर भावयुक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
आपकी कविता से मुझे हरिवंश राय बच्चन की अग्निपथ कविता याद आ गई जो प्रस्तुत कर रहा हूं :
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
तू न झुकेगा कभी
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ ,अग्निपथ।
यह महान दृश्य है चल रहा मनुष्य है
अश्रु , स्वेद , रक्त से
लथपथ, लथपथ ,लथपथ
अग्निपथ ,अग्निपथ ,अग्निपथ