दिनेश एल० "जैहिंद"
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3 Jan 2021 05:30 AM
रस्तोगी सर, विलम्ब के लिए क्षमा करें। मेरा वोट कुबूल करें।
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अत्यन्त प्रभावी प्रस्तुति, दिनेश जी..! मैंने आपको वोट कर दिया है। ( 72 )आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना” को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???