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Comments on दर्द ए दास्तां
In reply to
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अशोक सोनी
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26 Dec 2020 11:24 AM
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जी यह शाश्वत सत्य है । किन्तु अपनों की विमुखता और स्वार्थ भी पीड़ादायक ही है।
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जी यह शाश्वत सत्य है । किन्तु अपनों की विमुखता और स्वार्थ भी पीड़ादायक ही है।