जब घर की जमीन को भौतिक वस्तुए ढकने लगे और दीवारों पर रंगीन फोटो हसने लगे रिस्तों में बजार की बात होने लगे हमेशा बूढ़ी चिड़िया पछताएगी बीते हुए कल में और घोसले की परवरिश में बिताए दिन की यादों में आँखों में पानी लाएगी ।
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जब घर की जमीन को
भौतिक वस्तुए ढकने लगे
और दीवारों पर
रंगीन फोटो हसने लगे
रिस्तों में बजार की बात होने लगे
हमेशा बूढ़ी चिड़िया पछताएगी
बीते हुए कल में
और घोसले की परवरिश में बिताए दिन की यादों में
आँखों में पानी लाएगी ।