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इश्क के नाम पर फ़रेब का जो जाल फैलाते हैं ,
ऐसे भँवरे बने आशिक कली को खिलने से पहले ही मसल जाते हैं ,
क्यों ना खब़रदार हो ज़माना ऐसे आशिक
भँवरों से जो कलियों की ज़िंदगी बर्बाद कर जाते हैं ,

श़ुक्रिया !

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